
-----ऊपर समाचार चित्र में एक वैज्ञानिकउन्नति पूर्ण देश की सोच ,अधुना सेलेब्रिटी ( सो कोल्ल्ड -हम तो नहीं समझते ) खिलाड़ी , पोर्न स्टार ( अब पोर्न में भी स्टार होने लगे -क्या आधुनिक वैज्ञानिक सोच है!)के कारनामों को पढ़िए,देखिये सोचिये , -कर्म करने वाले , छापने वाले संपादकों की सोच को । नाली के कीड़े नाली में ही रहेंगे |
----आख़िर क्यों हम एसे मूर्खता पूर्ण समाचारों को यहाँ छापें? छपने दें ? एसे अनावश्यक लोगों ( यह बात सभी खिलाड़ियों ,एक्टरों ,नेताओं ,खेल, सिनेमा आदि पर लागू होती है) को अनावश्यक महत्त्व देने, कम उम्र में कुछ उपलब्धियां पालेने से( जिन्होंने अभी मानवीयता का पाठ , उम्र का अनुभव आदि जाना ही नहीं ) यही होता है, अहं व अति-सुखाभिलाषा , लालच ,मोह, विषयासक्ति की उत्पत्ति।हम एकांगी व अविचारी सोच के कारण ज़रा सी उपलब्धि पर इन्हें आसमां पर उठा लेते हैं जबकि दूसरे दिन ही वे फुस्स होजाते हैं। वे हमारे आदर्श पुरूष व भाव कहाँ गए, क्यों ? जो हम इन नाली के कीड़ों को देख व छाप रहे हैं