उन्ही बातों से तय कर रहे हैं ,जो हमारे बुजुर्गों ने बनाईं हैं। --मनिका मेरठ ।
हाँ, बुजुर्गों की राहें व उनके परामर्श के व्यापक ज्ञान व विचार के साथ अधुना विचारों से युक्त राहों के युक्ति युक्तविश्लेषण के बाद ही जीवन व आदर्शों की राहें चुननीचाहिए। इसमें बुरा मानने की कोई बात नहीं ।
हाँ, प्रोफेशनल तथा रोज़गार की बातों मैं स्वविवेक को मानना चाहिए ,परन्तु यह देखकर किसलाह देने वाला बुजुर्ग का ज्ञान स्तर क्या है।
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