गाने एवम उनकी पीठपर अपनी रोटी सेंकने व भोग-भोगने में लगे हें।
स्वयम ही पढें व समझें,सोचें।
----मेरे विचारों की दुनियां -मेरे अपने विचार एवं उन पर मेरा स्वयं का व्याख्या-तत्व तथा उनका समयानुसार महत्व .... --My myriad thoughts, their personal interpretations and their relevance...http://shyamthot.blogspot.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें