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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

शुक्रवार, 16 अप्रैल 2010

जन साधारण से अपील -सर्वोच्च पदों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ .


<------यह एक अपील है, जो देश के सर्वोच्च पद पर रह चुके महानुभावों द्वारा, सेवा निवृत्ति के बाद बनाई गयी एक संस्था द्वारा जन साधारण के लिए है , भ्रष्टाचार निवारण हेतु, इन लोगो की आम राय है कि भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे चलता है ,(कौन सी नयी राय है --सदा से कहावत है--यथा राजा तथा प्रजा) -----क्या इन महानुभावों को जन सामान्य को यह नहीं बताना चाहिए कि --
१। जब वे स्वयं सर्वोच्च पदों पर थे तब उन्होंने इस दिशा में क्या किया , क्या क्या कदम उठाये ।व्यक्तिगत स्तर पर एवं आधिकारिक स्तर पर ।
२। आई आर आई का क्या अर्थ है , हिन्दी नाम क्यों नहीं ।
३। आपका क्रियात्मक पक्ष क्या होगा .

2 टिप्‍पणियां:

honesty project democracy ने कहा…

GUPTA SAHEB MUJHE LAGTA HAI WYAWSTHA KE POORI TARAH SAR JANE MAIN YE SEWANIWIRIT UCHCH ADHIKARI BHI AAPKE NAJAR MAIN KHIN N KHIN DOSI HAI.MAIN AAPKI BAT SE SAHMAT HUN LEKIN AAPSE ANURODH KARTA HUN KI KOEE ACHCHHA KAM KAB KAR RAHA HAI YAH MAT DEKHIYE AAJ,LEKIN USKE ACHCHHE KARY KI NIGRANI KARNE PAR AGAR AAPKO YAH LAGE KI WAKAEE YE SAHI DISHA MAIN DER SE HI SAHI UTHAYA GAYA KADAM HAI ,TO AISE KISI BHI KADAM KO YAH DEKHE WINA KI WAH KOUN HAI ,KRIPAKAR APNA POORA SAMARTHAN DENE KA KST KAREN.MANWATA AUR INSANIYAT KO JINDA RAKHNE KE LIYE BHRSHTACHAR KO KHTM KARNE KA HAR PRYAS KO AAJ SAHYOG DEKAR SAFAL BANANE KI JAROORAT HAI.

shyam gupta ने कहा…

/ तब जाकर जनता के खजानों ''सरकारी पैसों ''की लूट बंद होगी /इसके लिए हर नागरिक को एकजुट होने कि जरूरत है ,आइए एकजुट हों हमें फोन करें- 09810752301 या login-

---- झा साहब, पैसों की लूट बन्द करने के लिये जनता को एकजुट होने की आवश्यकता नहीं , जैसा आपने अपने ब्लोग में लिखा है, यह कम्युनिस्म का तरीका है ---वस्तुतः जनता को स्वयम लूट से दूर रहने के लिये एक जुट होने की जरूरत है, प्रत्येक व्यक्ति यदि स्वयम भ्रष्टाचार से दूर रहे तो कोई भ्रष्टाचार नहीं कर पायेगा। यही तो बात है कि यहां हर व्यक्ति स्वयं तो उसी लूट में लिप्त रहना चाहता है और चाहता है कि दूसरे न लूटें----इसीलिये इन महानुभावों के कलापो पर संदेह होता है, नहीं तो वे पूछे गये प्रश्न के उत्तर दें , आगे देखते हैं,अच्छे साध्य के लिये साधन, मन्तव्य व तरीके भी उचित होने चाहिये.