मुस्कुराओ जलाकर दीये ।
सामने हम खड़े हों जैसे।
----मेरे विचारों की दुनियां -मेरे अपने विचार एवं उन पर मेरा स्वयं का व्याख्या-तत्व तथा उनका समयानुसार महत्व .... --My myriad thoughts, their personal interpretations and their relevance...http://shyamthot.blogspot.com
2 टिप्पणियां:
हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई
जब सब हैं हम भाई-भाई
तो फिर काहे करते हैं लड़ाई
दीवाली है सबके लिए खुशिया लाई
आओ सब मिलकर खाए मिठाई
और भेद-भाव की मिटाए खाई
मुंह मीठा हो गया भाई. धन्यवाद.
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