....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
भ्रष्टाचार सदैव ही प्रत्येक वस्तु, भाव, विचार , कर्म की अति से प्रारम्भ होता है । यहां समाज में उपस्थित विभिन्न कारणों पर धारावाहिक पोस्टों में प्रकाश डाला जायगा...
भ्रष्टाचार सदैव ही प्रत्येक वस्तु, भाव, विचार , कर्म की अति से प्रारम्भ होता है । यहां समाज में उपस्थित विभिन्न कारणों पर धारावाहिक पोस्टों में प्रकाश डाला जायगा...
भ्रष्टाचार की कारण एक---मीडिया --- दि ११/४/११ के दैनिक हिन्दुस्तान में बडे जोर शोर से घोषणा की जारही है कि कल से हिन्दुस्तान एक नए रूप आकार में आ रहा है | इस के लिए किसी विदेशी मारियो, के बड़े गुणगान किये जारहे हैं | मारियो की देख रेख में लग भग दस भारतीय एक दल बना कर सिर्फ हिन्दुस्तान समाचार पत्र को एक नया आकार देंगे |
अर्थात सिर्फ एक पत्र को नया रूप देने को भी एक विदेशी पर निर्भरता , जिसे मोटी राशि तो देनी ही होगी , अन्य १० लोग भी सिर्फ इस व्यर्थ से कार्य के लिए | वे भी मुफ्त तो कार्य नहीं करते होगे ? और क्या भारतीय पत्रकार, सम्पादक, तकनीशियन इतने गए गुजरे है कि एक नया आकार नहीं दे सकते अखबार को |
क्या इस नए रूप देने से क्या नई नई खबरें आने लगेंगीं समाचार पत्र में , या खबरों का विषय बदलाजायागा, या बुरी-बुरी , रोजमर्रा की आतंक, चोरी, लूट, बलात्कार , बहू जलाना आदि ख़बरें बंद हो जाएँगी ? आखिर सिर्फ खबरें देने वाले समाचार पत्र के नए-आकार रूप की आवश्यकता ही क्या है सिर्फ अन्य पत्रों की तुलना में हमारा अच्छे आकार वाला है.....यह निश्चय ही दृश्य मीडिया की भाँति रेटिंग का ही चक्कर है | और परिणाम---- खर्चे बढ़ेंगे ,कीमतों में वृद्धि , फिर अन्य पत्र भी आगे आने को वही कार्य करेंगे ...और भ्रष्टाचार की एक लम्बी श्रृंखला का गठन.....|
क्या करना चाहिए ---
१- समाचार पत्रों को--- व्यर्थ के आकार -प्रकार सुन्दरता की बजाय साधारण पत्र निकालने चाहिए ताकि कीमत कम रहे , पत्र में व्यर्थ के हीरो-हीरोइनों के गोसिप -कालम, चित्र कालम, सिनेमा की तारीफें बंद कर देनी चाहिए , सेक्स से सम्बंधित, मीठी-मीठी बातें, काल गर्लों के प्रचार , खिलाड़ियों के बड़े बड़े अनावश्यक चित्र , कहानियां , प्रेम, विवाह घरेलू समाचार बंद करदेने चाहिए |----पत्र के पेज कम होने से मूल्य स्वतः कम होगा, पत्र के खर्चे कम होंगें |
२- टी वी अर्थात दृश्य मीडिया को भी --खिलाड़ियों के, हीरो-हीरोइनों के, व्यर्थ के इंटरव्यू, व्यर्थ के नाच-गानों , उछल कूद, भोंडे हास्य , फोर्थ अम्पायर , अदालत, विदेशी खेल आदि के सारे प्रोग्राम बंद कर देने चाहिए सिर्फ महत्वपूर्ण मैचों का ही प्रसारण हो... --जिससे जाने कितनी विदेशी मुद्रा की बचत होगी , संस्कृति -प्रदूषण कम होगा और इन व्यर्थ के प्रोग्रामों के लिए, आसानी से मोटी कमाई के लिए मची आपाधापी, netaage स्टेज पर आने के लिए असंगत उपाय, रिश्वत खोरी, जिस्म फरोशी अदि भ्रष्टाचार के मूल कारण कम होंगे |
३- हमें --- किसी भी ऐसे प्रोग्रामों को न देखें , न अन्य को प्रेरणा दें,... पत्रों , टीवी, केबुल, इंटरनेट आदि पर व्यर्थ के प्रोग्रामों ,अनाचार के फैलाने वाले प्रोग्रामों , समाचारों, चित्रों का विरोध करें |
3 टिप्पणियां:
चलिये कुछ तो समझ आया इनको।
सत्य कहा आप ने..मगर आज काल के रास्ट्रीय समाचार चैनेल की वेबसाइट पर नग्न तस्वीरे उपलब्ध है..
मीडिया को अपना ये रूप खुद से सुधारना होगा..
बहुत सही मुद्दा आप ने उठाया ...बधाइयाँ..
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क्या वर्ण व्योस्था प्रासंगिक है ?? क्या हम आज भी उसे अनुसरित कर रहें हैं??
धन्यवाद....
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