....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
तीन प्रकार की हठ प्रसिद्ध हैं-----राज हठ , त्रिया हठ, हम्मीर हठ ..... कैकेयी , शूर्पणखा व सीता की त्रिया हठ व रावण की राज हठ --त्रेता के युद्ध का कारण बनी ; कंस, दुर्योधन की राज हठ व द्रौपदी की त्रिया हठ महाभारत का -----हम्मीर हठ मूलतया व्यक्तिगत हठ है जिसमें सत्य के आग्रह पर दृढ रहने में व्यक्ति स्वयं को भी न्योछावर करने को तैयार रहता है |
परन्तु यदि सोचा जाय कि यदि इन तीनों हठ में आपस में ही टकराव व सहयोग हो तो क्या हो सकता है .... आज लोकपाल बिल के विषय पर ...केन्द्रीय सरकार की राज हठ धर्मिता सभी को ज्ञात होरही है जिसके समर्थन में 'सोनिया गांधी' की त्रिया हठ भी शामिल है .....अब इस सम्मिलित दो हठों के सम्मुख है ...बावा राम देव व अन्ना हजारे की हमीर हठ .....अब देखें क्या हश्र होता है ...हम्मीर हठ का....लोकपाल बिल का...लोकतंत्र का...भ्रष्टाचार का...भ्रष्टाचारियों का व बेचारी निरीह जनता का जो भ्रष्टाचार से मुक्त होने का सपना सजाये बैठी है.....
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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...
- shyam gupta
- Lucknow, UP, India
- एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त
शनिवार, 30 जुलाई 2011
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4 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया बात लिखी गुप्ता जी ...
आज राज हठ और त्रिया हठ बेशर्मी की हदें पार कर चुके हैं .....आम जन को बुद्धू से ज्यादा कुछ नहीं समझते |
हम्मीर हठ.......एक.. बाबा रामदेव पर हिटलर शाही ने कहर बरपाया और अब तो उनके पीछे सी बी आई नाम की
कटही कुतिया लगा दी गयी है |
दूसरे ...अन्ना हजारे की कितनी उपेक्षा की जा रही है , सरकार के मंत्री गण उनका कितनी बेशर्मी से मजाक उड़ा
रहे हैं ...हम सब देख ही रहे हैं |
अब कल्याण तभी होगा जब 'जनता हठ ' सामने आये ...
bahut manoranjak post ek sangeen mamle par.hume bhi intjaar hai konsa hut jeetega.bahut achcha likha.
देश सकुशल बना रहे।
धन्यवाद झंझट जी, बहुत सही कहा....जनता हठ ...मेरे विचार में रामदेव व अन्ना जनता हठ के ही प्रतिरूप हैं....यदि यह रूप सफल नहीं होता तो वास्तविक जनता हठ चुनावों में ही दिखाना चाहिए....
---धन्यवाद राजेश कुमारी जी....
---धन्यवाद पांडे जी...क्या करे देश ..वह तो चलता ही रहता है...कुशल, अकुशल या सकुशल....वक्त कहाँ, कब किसके लिए रुकता है.....
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