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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

रविवार, 31 जुलाई 2011

चोरी और सीना जोरी .....ड़ा श्याम गुप्त....


....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...

क्या इसे ही कहते हैं ...चोरी और सीना जोरी ....देखिये और पढ़िए खुशवंत सिंह का यह वक्तव्य......असेम्बली कांड में भगत सिंह आदि के विरुद्ध गवाही देकर देश व भारतीयता के विरुद्ध व अंग्रेजों की सहायता करने वाले देश-द्रोही शोभा सिंह (खुशवंत सिंह के पिता ) की ....देश द्रोहिता को सच सिर्फ सच ....के परदे में छिपाकर अपराध से बचकर निकलना ......ऐसे देशद्रोही परिवार को क्यों भारत सरकार इतना प्रश्रय देरही है...क्यों ये पत्रिकाएं महत्त्व देते हैं......ऐसे परिवारों के न जाने कितने लोग आजसेक्यूलरों, पत्रकारों, साहित्यकारों व नेताओं के रूप में छुपे बैठे हैं??????

4 टिप्‍पणियां:

G.N.SHAW ने कहा…

sir nice information . I was not aware about it.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

यह तथ्य पता नहीं था।

shyam gupta ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
shyam gupta ने कहा…

ब्रिटिश साम्राज्यवादियों ने भारत से गद्दारी करने वालों को सर, राय बहादुर , खान बहादुर सहित सैकड़ों पदवियां बांटी.... भगत सिंह की फांसी दिलाने में अभियोजन पक्ष के दो प्रमुख गवाह शोभा सिंह तथा मेरठ के पास के सादीलाल थे जिनको ब्रिटिश साम्राज्यवादियों ने सर की उपाधि दी थी और तरह-तरह के कार्य इन लोगों के कहने से किये जिससे उस समय यह लोग लाखों रुपये कमाएं।..... सुप्रसिद्ध पत्रकार खुशवंत सिंह सर शोभा सिंह के पुत्र हैं और सर सादीलाल के वंशजों के पास शराब के कारखानों सहित अथाह सम्पदा है। ---