....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ. | ||||
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श्रीमती कमला श्रीवास्तव सरस्वती वन्दना करते हुए |
स्वागताध्यक्ष श्री आचार्य मुनीश त्यागी गाज़ियाबाद का स्वागत भाषण |
नव-निर्वाचित अध्यक्ष श्री अजय खरे का अध्यक्षीय अभि-भाषण व मंच पर डा रंग नाथ मिश्र 'सत्य'व अन्य विद्वान् |
संयोजक श्री पार्थोसेन द्वारा एक रिपोर्ट व प्रेस विज्ञप्ति |
3 टिप्पणियां:
कवि-सम्मेलन हो और मुझ जैसे नवोदित कवि को अवसर न मिले, आमंत्रण भेजा न जाये... भई बड़ा सालता है.
हम श्रोता भी बड़े अच्छे हैं... जब कभी फिर हो तो सूचित करियेगा... शायद उधर आने का संयोग बैठ जाये!
सफल आयोजन की ढेरों बधाईयां
धन्यवाद पान्डे जी...
---धन्यवाद प्रतुल जी....यह समारोह प्रत्येक वर्ष अक्टूबर-नवम्बर में आयोजित किया जाता है...स्थानीय समाचार पत्र में भी दिया जाता है...
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