....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
बहारों की लहर डोली कि आज होली है ।
रंग उडाती घूमे टोली कि आज होली है ।
रंग बिखराए थे सब और ही फिजाओं ने,
फगुनाई पवन बोली कि आज होली है ।
ढोलक की थाप पर थिरकते थे सभी लोग,
भीगे तन-मन लगी रोली कि आज होली है ।
उड़ता था हवाओं में अबीर-गुलाल का नशा ,
सकुचाये कसी चोली कि आज होली है ।
बौराई सी घूमे वो नयी नवेली दुल्हन,
घर भर को चढी ठिठोली कि आज होली है ।,
ख्यालों में उनके हम तो खोये थे इस कदर,
कानों खबर न डोली कि आज होली है ।
चुपके से बोले, आज तो रंग लीजिये हुज़ूर,
मिसरी सी कानों घोली कि आज होली है ।
इतरा मल दिया जब मुख पर गुलाल श्याम,
तन मन खिली रंगोली कि आज होली है ।। ----- चित्र-गूगल साभार --
6 टिप्पणियां:
होली की ढेरों शुभकामनायें..
रंग बिखराए थे सब और ही फिजाओं ने,
फगुनाई पवन बोली कि आज होली है ।
डॉ .साहब यहाँ 'और 'के स्थान पर 'ओर'की गुंजाइश नहीं है ?कृपया गौर करें -
बुरा न माने होली है ,रंगों की बरजोरी है ,
सखियन बीच ठिठोली है ,
मतवालों की टोली है ,
नीयत किसी की डोली है ....बुरा न मानो होली है .
होली पर्व की शुभकामनाएँ .
इस रचना का हरेक बंद अपना कसाव ओर आकर्षण लिए है .
रंग बिखराए थे सब और ही फिजाओं ने,
फगुनाई पवन बोली कि आज होली है ।
ढोलक की थाप पर थिरकते थे सभी लोग,
भीगे तन-मन लगी रोली कि आज होली है ।
उड़ता था हवाओं में अबीर-गुलाल का नशा ,
सकुचाये कसी चोली कि आज होली है ।
भिगो दिया आपने होली के रंग में तन मन ...
होली शुभ हो !मगल्मय आनंद मय हो .
धन्यवाद पान्डे जी.. शुभ होली.....
----धन्यवाद वीरूभाई...मनोयोग से पढने के लिये...वास्तव में ही यहां ’ओर ’ होना चाहिये...
होली की शुभ कामनायें....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
रंगों की बहार!
छींटे और बौछार!!
फुहार ही फुहार!!!
होली का नमस्कार!
रंगों के पर्व होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!!
धन्यवाद शास्त्री जी...
रंगों के पर्व हार्दिक शुभकामनाएँ!!!!
एक टिप्पणी भेजें