ब्लॉग आर्काइव

डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

मेरी फ़ोटो
Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

बुधवार, 18 अप्रैल 2012

इन्द्रधनुष-----स्त्री-पुरुष विमर्श पर डा श्याम गुप्त के उपन्यास पर...........विविध विचार....1...

















१-प्रकाशकीय



















२-समर्पण --डा श्याम गुप्त
                                 
                                            ३-  इन्द्र धनुष का कथ्य --डा श्याम गुप्त....



               



            
 









                ------------    क्रमश:........ इन्द्रधनुषी विचारों के दरवार में .....  अगली पोस्ट में ......

4 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

एक एक कर के पढ़ने में समस्या आ रही है..

shyam gupta ने कहा…

कुछ एडिट करते हैं....

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 ने कहा…

बहुत सुन्दर ...पेशे से शल्य क्रिया के प्रवीण डॉ श्याम गुप्त साहित्य की अद्भुत समझ रखते हैं हमेशा उन्होंने साहित्य को उच्च दिशा देने की कोशिश की है ,,विभिन्न विधा पर उन्होंने बहुत कुछ रचा है .....इन्द्रधनुष (उपन्यास-स्त्री-पुरुष विमर्श पर ) की सफलता हेतु बहुत बहुत शुभ कामनाएं ..समाज को एक नयी रौशनी और ऊर्जा देते रहें --सब मंगलमय हो

भ्रमर ५
प्रतापगढ़ साहित्य प्रेमी मंच

shyam gupta ने कहा…

धन्यवाद सुरेन्द्र जी...