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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

सोमवार, 14 जनवरी 2013

बिज़नेस वूमेन ऑफ़ इंडिया ......डा श्याम गुप्त ..

                          ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...


नैना लाल हेड ,एच एस बी सी  इंडिया







नीलिमा धवन  एम् डी, एच पी , इंडिया
























                  जैसा कि हम ऊपर निम्न चित्रों .( -इकोनोमिक -टाइम्स --साभार ). में देख रहे हैं कि कारपोरेट जगत की लगभग सभी महिला हस्तियाँ  साड़ी..या सलवार-सूट के सुरुचिपूर्ण, गरिमापूर्ण  पहनावे में हैं .....यहाँ  फिल्म व राजनीति जगत की महिलायें नहीं रखी  गयी हैं क्योंकि उन पर  पहनावे के  नाटक का आरोपण  भी हो  सकता है .......



 -----तो क्या कारण  है कि ..हमारे समाचार पत्र बिज़नेस वूमेन इन भारत ..में मीटिंग ..के समय सभी पुरुषों को सूटेड--बूटेड  परन्तु महिला बौस को विचित्र ...इनडीसेंट सी वेश-भूषा में दिखलाते हैं.....क्यों??????
 -------  यह विरोधाभास किसलिए  !!!!

------ प्रायः महिला आफिस कर्मी, सेक्रेटरी आदि महिला कर्मी , अन्य  निम्न स्तरों पर   महिलाकर्मी व विज़िनेस - वूमेन ...इसी प्रकार के  विचित्र परिधानों में दिखाई पड़ती हैं.....क्यों ????...
-----क्या यह इस प्रकार का  प्रचार या दुष्प्रचार या जान बूझ कर किया हुआ प्रचार इसका का कारण है या अन्य  ..??????????
और क्यों ????????????




















2 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

कम कपड़े पहनने से कोई आधुनिका या श्रमशील नहीं कही जा सकती है..

shyam gupta ने कहा…

सच है....