नैना लाल हेड ,एच एस बी सी इंडिया |
नीलिमा धवन एम् डी, एच पी , इंडिया |
जैसा कि हम ऊपर निम्न चित्रों .( -इकोनोमिक -टाइम्स --साभार ). में देख रहे हैं कि कारपोरेट जगत की लगभग सभी महिला हस्तियाँ साड़ी..या सलवार-सूट के सुरुचिपूर्ण, गरिमापूर्ण पहनावे में हैं .....यहाँ फिल्म व राजनीति जगत की महिलायें नहीं रखी गयी हैं क्योंकि उन पर पहनावे के नाटक का आरोपण भी हो सकता है .......
-----तो क्या कारण है कि ..हमारे समाचार पत्र बिज़नेस वूमेन इन भारत ..में मीटिंग ..के समय सभी पुरुषों को सूटेड--बूटेड परन्तु महिला बौस को विचित्र ...इनडीसेंट सी वेश-भूषा में दिखलाते हैं.....क्यों??????
------- यह विरोधाभास किसलिए !!!!
------ प्रायः महिला आफिस कर्मी, सेक्रेटरी आदि महिला कर्मी , अन्य निम्न स्तरों पर महिलाकर्मी व विज़िनेस - वूमेन ...इसी प्रकार के विचित्र परिधानों में दिखाई पड़ती हैं.....क्यों ????...
-----क्या यह इस प्रकार का प्रचार या दुष्प्रचार या जान बूझ कर किया हुआ प्रचार इसका का कारण है या अन्य ..??????????
और क्यों ????????????
2 टिप्पणियां:
कम कपड़े पहनने से कोई आधुनिका या श्रमशील नहीं कही जा सकती है..
सच है....
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