....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
मेरी शीघ्र प्रकाश्य शायरी संग्रह ......." कुछ शायरी की बात होजाए" ...से प्रतिदिन प्रकाशित गज़ल, रुबाइयां, नज्में आदि ..मेरे ब्लॉग " साहित्य श्याम -http://saahity shyam.blogspot.com ..पर पढ़ें ..... प्रस्तुत है प्रथम रचना ...ईश प्रार्थना .....
ईश अपने भक्त पर, इतनी कृपा कर दीजिये |
रमे तन मन राष्ट्र हित में, प्रभो ! यह वर दीजिये |
प्रेम करुणा प्राणिसेवा, भाव नर के उर बसें ,
दया ममता सत्य से युत, भाव मन धर दीजिये |
सहज भक्ति से आपकी, मानव करे नित वन्दना ,
हो प्रेममार्ग प्रशस्त जग में, प्रीति लय सुर दीजिये |
मैं न मंदिर में गया, प्रतिमा तुम्हारी पूजने,
भाव हो पत्थर नहीं, यह भाव जग भर दीजिये |
पाप पंक में इस जगत के, डूबकर भूला तुम्हें ,
याद करके स्वयं मुझको, भक्ति के स्वर दीजिये |
दूर से आया तुम्हारी शंख-ध्वनि का नाद सुन ,
नाद अनहद मधुर स्वर से, भर प्रभो! उर दीजिये |
राह आधी आगया हूँ, अब चला जाता नहीं ,
हो कृपासागर तो दर्शन यहीं आकर दीजिये |
हे दयामय! दयासागर! प्रभु दया के धाम हो ,
श्याम के ह्रदय में बस कर, पूर्ण व्रत कर दीजिये ||
मेरी शीघ्र प्रकाश्य शायरी संग्रह ......." कुछ शायरी की बात होजाए" ...से प्रतिदिन प्रकाशित गज़ल, रुबाइयां, नज्में आदि ..मेरे ब्लॉग " साहित्य श्याम -http://saahity shyam.blogspot.com ..पर पढ़ें ..... प्रस्तुत है प्रथम रचना ...ईश प्रार्थना .....
ईश अपने भक्त पर, इतनी कृपा कर दीजिये |
रमे तन मन राष्ट्र हित में, प्रभो ! यह वर दीजिये |
प्रेम करुणा प्राणिसेवा, भाव नर के उर बसें ,
दया ममता सत्य से युत, भाव मन धर दीजिये |
सहज भक्ति से आपकी, मानव करे नित वन्दना ,
हो प्रेममार्ग प्रशस्त जग में, प्रीति लय सुर दीजिये |
मैं न मंदिर में गया, प्रतिमा तुम्हारी पूजने,
भाव हो पत्थर नहीं, यह भाव जग भर दीजिये |
पाप पंक में इस जगत के, डूबकर भूला तुम्हें ,
याद करके स्वयं मुझको, भक्ति के स्वर दीजिये |
दूर से आया तुम्हारी शंख-ध्वनि का नाद सुन ,
नाद अनहद मधुर स्वर से, भर प्रभो! उर दीजिये |
राह आधी आगया हूँ, अब चला जाता नहीं ,
हो कृपासागर तो दर्शन यहीं आकर दीजिये |
हे दयामय! दयासागर! प्रभु दया के धाम हो ,
श्याम के ह्रदय में बस कर, पूर्ण व्रत कर दीजिये ||
4 टिप्पणियां:
Agya nahi aagaya hai is tarah any kai ashudiya hai tatha lekhan shali bhi sahi nahi hai
या बेनामी ....हिन्दी में अशुद्धि की ओर ध्यान दिलाते तो कुछ और ही मज़ा रहता.....वैसे यह टाइपिंग की गलती है सुधर जायगी....धन्यवाद ..
सुन्दर प्रार्थना..
dhanyvad paande ji....
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