....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ.
मेरी शीघ्र प्रकाश्य शायरी संग्रह....." कुछ शायरी की बात होजाए ".... से ग़ज़ल, नज्में , रुबाइयां, कते, शेर आदि इस ब्लॉग पर प्रकाशित किये जायंगे ......प्रस्तुत है......कुछ नज्में... नज़्म-१७ .....
तेरे जाने से......
हम नहीं मुस्कुराए हें इक ज़माने से |
ऐसे हालात हुए हैं तेरे जाने से |
हंसते रोते भी रहे यूं तो जीने के लिए ,
दर्द सारे यूंही पीते रहे पीने के लिए |
गीत जीने के भी हमने सभी गाये हैं ,
मन में खुशियों के ढेरों सुमन उगाये हैं |
यादे उलफत को भुलाया कई बहाने से ,
ऐसे हालात हुए हैं तेरे जाने से |
तन में कलियाँ भी खिलीं, मस्त हवाएं भी चलीं ,
तन के आकाश में वो मस्त हवाएं छाईं |
मन के पंछी ने भी हो मस्त लगाए फेरे,
दिल की गलियों में भी वो मस्त बहारें आयीं |
हर खुशी पायी है पायी है सभी ऊंचाई,
तुमको हर बार भुलाया है हर बहाने से |
ऐसे हालात हुए हैं तेरे जाने से |
हम नहीं मुस्कुराए हें इक ज़माने से
मेरी शीघ्र प्रकाश्य शायरी संग्रह....." कुछ शायरी की बात होजाए ".... से ग़ज़ल, नज्में , रुबाइयां, कते, शेर आदि इस ब्लॉग पर प्रकाशित किये जायंगे ......प्रस्तुत है......कुछ नज्में... नज़्म-१७ .....
तेरे जाने से......
हम नहीं मुस्कुराए हें इक ज़माने से |
ऐसे हालात हुए हैं तेरे जाने से |
हंसते रोते भी रहे यूं तो जीने के लिए ,
दर्द सारे यूंही पीते रहे पीने के लिए |
गीत जीने के भी हमने सभी गाये हैं ,
मन में खुशियों के ढेरों सुमन उगाये हैं |
यादे उलफत को भुलाया कई बहाने से ,
ऐसे हालात हुए हैं तेरे जाने से |
तन में कलियाँ भी खिलीं, मस्त हवाएं भी चलीं ,
तन के आकाश में वो मस्त हवाएं छाईं |
मन के पंछी ने भी हो मस्त लगाए फेरे,
दिल की गलियों में भी वो मस्त बहारें आयीं |
हर खुशी पायी है पायी है सभी ऊंचाई,
तुमको हर बार भुलाया है हर बहाने से |
ऐसे हालात हुए हैं तेरे जाने से |
हम नहीं मुस्कुराए हें इक ज़माने से
6 टिप्पणियां:
वाह, बहुत खूब..
हर खुशी पायी है पायी है सभी ऊंचाई,
तुमको हर बार भुलाया है हर बहाने से |
ऐसे हालात हुए हैं तेरे जाने से |
हम नहीं मुस्कुराए हें इक ज़माने से
बहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति !
latest post मेरी माँ ने कहा !
latest post झुमझुम कर तू बरस जा बादल।।(बाल कविता )
बहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति !
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धन्यवाद रविकर ,पांडेजी व कालीप्रसाद जी ...
खूबसूरत नज़्म
धन्यवाद संगीता जी....
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