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...कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
आगरा महानगर में सरोजिनी नायडू चिकित्सा महाविद्यालय के १९६४ बैच के चिकित्सकों द्वारा ८/९.मार्च २०१४ को अपने बैच की स्वर्ण जयन्ती समारोह का आयोजन किया गया
| देश –विदेश से पधारे दुनिया भर में फैले चिकित्सकों ने पत्नियों व
पतियों सहित आयोजन में बढ़ चढ़ कर भाग लिया एवं विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक
आयोजनों व होली के अवसर पर फाल्गुनी महोत्सव में भी खूब रंगारंग आयोजन का
आनंद लिया|
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मथुरा, (राधा-कृष्ण के जन्म व लीलाधाम ..गोकुल, बरसाना, वृन्दावन, महावन आदि ) आगरा, भरतपुर का त्रिकोणीय क्षेत्र भारत के ब्रज-क्षेत्र के रूप में जाना जाता है
जो फाल्गुनी बयार के रंगारंग आयोजनों व प्रथाओं का उद्घाटक सर्वप्रथम व
प्राचीनतम मूलक्षेत्र के रूप में इतिहास में एवं विश्व में प्रसिद्द है |
ब्रज-धाम.. कृष्ण-राधा की बाल-लीलाएं, गोप-गोपिकाओं, राधा-कृष्ण के प्रेम,
रास-क्रीडाएं, एवं विविध फाल्गुनी क्रीडाओं आदि के लिए विश्व प्रसिद्द है
…..बरसाने की लठामार होली को आज विश्व में कौन नहीं जानता | आगरा महानगर इस ब्रज-क्षेत्र जिसे सांस्कृतिक,धार्मिक, दार्शनिक रूप से महानतम व ईश्वरीय धाम कहा जता है इस त्रिकोण का केंद्र है |
समारोह का आयोजन आगरा स्थित १९६४ बैच के चिकित्सकों ..डा संध्या अग्रवाल,
प्रोफ.स्त्री-चिकित्सा विज्ञान, डा सुरेश कपूर, डा संजय टंडन, डा अरविंद
कुंटे एवं डा बी एम् अग्रवाल द्वारा आगरा स्थित सभी १९६४ बैच के चिकित्सकों के सहयोग से स्थानीय ग्रांड होटल में किया गया |
डा व्यास , डा पी एन सिंह एवं त्रिलोकी नाथ का
श्रीमती नयना व्यास के गायन पर नृत्य
चिकित्सकों व पत्नियों का नृत्य
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डा संध्या अग्रवाल एवं डा सुरेश कपूर समारोह का प्रारम्भ करते हुए |
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१९६४ बैच के छात्र चिकित्सक |
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विचार विमर्श व परिचय |
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लखनऊ के डा एस बी गुप्ता विचार प्रकट करते हुए |
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परिचय |
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कालिज के रखरखाव पर चिंता एवं समाधान खोजते हुए पूर्व चिकित्सक छात्र |
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डा एस एन अग्रवाल का कविता पाठ |
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श्रीमती नयना व्यास का गायन |
द्वितीय सत्र शाम को बोम्बे से आए हुए डा नवीन व्यास एवं श्रीमती नयना
व्यास के सुमधुर गायन से प्रारम्भ हुआ | चिकित्सकों एवं पत्नियों ने गीत,
ग़ज़ल, कविता एवं नृत्य द्वारा कार्यक्रम को रंगारंग कर दिया | गीतों की
धुनों पर चिकित्सक गण खूब थिरके | फूलों की होली एवं श्रीमती सुषमा गुप्ता
के वरसाने की लठामार होली गायन एवं नृत्य के साथ इस सत्र का समापन हुआ |
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डा एस बी गुप्ता की ग़ज़ल..लो आज छेड़ ही देते हैं उस फ़साने को." |
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फूलों की होली |
सुषमा गुप्ता का लठामार होली गायन मैं तो खेलूंगी श्याम संग होरी...
गुरु वन्दना
श्रीमती नयना व्यासका गायन
द्वितीय दिवस दि ९.३.१४ को गुरु वन्दना से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ | इलाहाबाद चिकित्सा महाविद्यालय के पूर्व प्रोफ डा ओ पी गुप्ता सभी पुराने साथियों के छात्रकाल के चित्रों को अपने लेपटाप में सहेजकर लाये थे ..उसका प्रदर्शन किया गया एवं सभी का अपने पुराने चित्र के साथ अपने विचार एवं संस्मरण आदि सुनाते हुए स्मृति-चित्र निर्मित किये गए| सभी साथियों को स्मृति-चिन्ह व भेंट प्रदान के पश्चात पुनः सम्मिलन की इच्छा व आशा लिए श्रीमती नयना व्यास द्वारा वन्देमातरम गीत के साथ समारोह का समापन हुआ |
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डा एस बी गुप्ता एवं सुषमा गुप्ता...वो चंद पल जो तेरे साथ गुजारे हमने..." |
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डा संध्या अग्रवाल अपने चित्र के साथ |
2 टिप्पणियां:
अहा, ५० वर्ष पुराने मित्रों से मिलकर आनन्द मनाने की बात ही और है।
सच....कहा ..पांडे जी ..
वो चंद पल जो तेरे साथ गुज़ारे हमने
ज़िंदगी के देख लिए सारे नज़ारे हमने|
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