On amazon
india
Maanav Ka
Pratham Paalana पेपरबैक – 24 मार्च 2022
हिंदी
संस्करण इनके
द्वारा Dr. Shyam Gupta (Author)
ब्रह्माण्ड, सृष्टि, प्राणी व मानव की उत्पत्ति व प्रसार
कहाँ व कैसे पर आधारित विविध आलेख
लेखक के
अनुसार, योरोपीय
इतिहासकारों ने पूर्वाग्रहवश विश्व इतिहास व संस्कृति को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत
किया, जिसका मूल
उद्देश्य पाश्चात्य संस्कृति को उच्च सिद्ध करना, विश्व में पुरातनतम व सर्वश्रेष्ठ
भारतीय संस्कृति व भारत की सनातनता व वैश्विक प्रभाव को झुठलाना था |
प्रायः
योरोपीय विद्वान, मानव का
अवतरण अफ्रीका मानते हैं, जबकि श्री
गोखले उत्तरी ध्रुव | अन्य
विद्वान् व संस्थाएं मानव का अवतरण भारत में मानती हैं जहां से वे समस्त विश्व में
फैले | अभी हाल
के विभिन्न शोधों व खोजों से मानव की उत्पत्ति के चिन्ह दक्षिणी एशिया में मिले
हैं, जहां से
वे सारे विश्व में फैले| यह
दक्षिणी-एशिया भारत से अन्यथा और कोई हो ही नहीं सकता |
आश्चर्य
होता है कि हम इतने वैश्विक विकास के पश्चात भी अभी तक अज्ञान जनित पुरातन योरोपीय
ज्ञान एवं भ्रांत अवधारणाओं में जी रहे हैं| पाश्चात्य विद्वान् भारत के प्रति
अज्ञान एवं अपनी हेय दृष्टि के कारण आर्यों को भारत के बाहर से आने की गाथा तो
कहते रहते हैं परन्तु आज तक यह निश्चित नहीं कर पाए कि वे कहाँ से आये थे| इन भ्रामक अवधारणाओं ने विश्व इतिहास व
संस्कृति एवं मानवता का बहुत अहित किया है, जिसे तात्कालिक राजनैतिक लाभ हेतु
योजनाबद्ध ढंग से प्रचारित किया गया |
प्रोडक्ट का विवरण
· प्रकाशक
: Namya Press (24 मार्च 2022)
· भाषा
: हिंदी
· पेपरबैक
: 178 पेज
· ISBN-10 : 9355450761
· ISBN-13 : 978-9355450760
· पढ़ने की उम्र
: 15 वर्ष और
ज्यादा
· कंट्री ऑफ़ ओरिजिन
: भारत
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें