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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त
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रविवार, 18 अक्टूबर 2015

यत्पिंडे तद्ब्रह्मांडे --पत्थर पर अंकित- मानव के अंतर्मन मन के गीत -----शारीरिक संरचना ---डा श्याम गुप्त...

                                 ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...

  


                              यत्पिंडे तद्ब्रह्मांडे


                         यत्पिंडे तद्ब्रह्मांडे—यह वैदिक साहित्य के मूल वाक्यों में से एक है | वैदिक स्थापना है कि जो हमारे शरीर में है वही इस ब्रह्माण्ड में है अथवा कहा जा सकता है कि हमारा शरीर ब्रह्माण्ड का ही प्रतिरूप है | इसका कुछ प्रमाण निम्न चित्रों में स्पष्ट देखा जा सकता है | निम्न चित्र संगमरमर के कुछ पत्थरों के छैतिज़ काट (स्लाइस-कट) हैं जिनकी रचना प्राणी शरीर के अवयवों की आतंरिक- दूरबीन से देखने पर- संरचना से कितना मेल खाती है |

चित्र १. –त्वचा की संरचना ---से हूबहू मेल खाती है | जिसमें त्वचा के रोमकूप, रोम स्पष्ट नज़र आते हैं | बाएं तरफ त्वचा का थोड़ा सा भाग गायब है जो  किसी रोग अथवा कट का प्रतीक है |

 चित्र-2 . शरीर के फेटी टिश्यू या चर्बी की संरचना से मेल रखता है | 

चित्र-3..फेटी टिश्यू के साथ कोलेजन फाइबर-------

चित्र-४. पट्टीदार मांस पेशी ( स्ट्रिप्ड मसल )की संरचना ----

चित्र-५. स्नायु ऊतक ( नर्व टिश्यू ) की संरचना के समान रचना  -----
चित्र -१
चित्र-2.



चित्र-3.


चित्र-४.
चित्र-५.