...कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
      जल शक्ति  
आंसू में
 अपार जल-शक्ति है;
इसीलिये,
क्रोध को भाप बनाकर 
रूठे को मनाने की
असीम शक्ति है | 
          भावनायें 
भावनाओं की गति चक्रीय है 
वे लौट लौट कर आती हैं,
फिर फिर आपके आस-पास  |
सदभावनाएँ ,
लौट कर आती हैं;
आपको आशाओं का प्रकाश दिखाती हैं |
दुर्भावनाएं भी लौट कर आती हैं ,
आपको हताशा, निराशा और-
आत्मग्लानि की राह पर लेजाती हैं ||
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
4 टिप्पणियां:
जल बचाएं जीवन बचाएं
अच्छे भाव और अच्छी रचना
आँसुओं में जग हिलाने की क्षमता है।
धन्यवाद सवाइ सिन्ह व पान्डे जी---’भारतीय ब्लाग लेखक मन्च ’ पर ..मेरी कविता "जल-चक्र" का अवलोकन करें....
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