....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
माँ का आह्वान
परम शक्ति माँ से बढकर तो तीन लोक में कुछ भी नहीं,
अतुलनीय माँ महिमा तेरी, वर्णन की मेरी शक्ति नहीं ।
परम-ब्रह्म के साथ युक्त हो, सृष्टि की रचना करती हो ,
रक्षक, पालक तुम हो जग की, जग को धारण करती हो।
ब्रह्मा, विष्णु, महेश,माँ तेरी इच्छा से तन धारण करते ,
महा-शक्ति तेरी स्तुति की, जग में क्षमता-शक्ति नहीं।
----परम शक्ति मां……..
तुच्छ बुद्धि तुझ पराशक्ति के ओर-छोर को क्या जाने,
ममतामयी- रूप तेरा ही, माता वह तो पहचाने ।
तेरे नव-रूपों के भावों, पर अगाध श्रृद्धा से भर ,
करें अनुसरण और कीर्तन, इससे बढकर भक्ति नहीं ।
-----परम शक्ति मां……
मां आगमन करो इस घर में, हम पूजन,गुण-गान करें,
धूप, दीप, नैवैध्य समर्पण, कर तेरा आह्वान करें ।
इन नवरात्रों में मां आकर, हम सबका कल्याण करो,
धरें शीश तेरे चरणों पर, इससे बढकर मुक्ति नहीं ॥
----परम शक्ति मां……
5 टिप्पणियां:
भारतीय नव वर्ष की आप को हार्दिक शुभकामनाये
@परम-ब्रह्म के साथ युक्त हो, सृष्टि की रचना करती हो ,रक्षक, पालक तुम हो जग की, जग को धारण करती हो।--- प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक रचना. आभार. आज से प्रारम्भ भारतीय नव-वर्ष विक्रम संवत २०६८ और चैत्र नवरात्र की आपको सपरिवार हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
धन्यवाद आलोक व स्वराज्य जी..
भारतीय नव-वर्ष विक्रम संवत २०६८ और चैत्र नवरात्र की आपको सपरिवार हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं..
माँ की महिमा अपरम्पार।
नवरात्री की शुभकामनायें
क्या आप एक से ज्यादा ब्लॉग पर एक ही लेख लिखते हैं ?
सामूहिक ब्लॉग संचालकों के लिए विशेष
एक टिप्पणी भेजें