ब्लॉग आर्काइव

डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

मेरी फ़ोटो
Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

शनिवार, 9 जून 2012

शुक्र का पारगमन ..कहानी.... डा श्याम गुप्त



सूर्य, शुक्र, कौवा व ताजमहल की युति --चित्र राज.पत्रिका
                                   
 
               राम प्रसाद जी चाय की चुस्कियों के साथ टीवी के सम्मुख बैठे समाचार-पत्र भी पढते जारहे थे | अधिकांस चेनलों पर शुक्र के सूर्य से पारगमन को एक महत्वपूर्ण घटना बताया जारहा था और यह भी कि अब यह सुन्दर नज़ारा पुनः १०५ वर्ष बाद ही देखने को मिलेगा | इसे देखने सिर्फ खगोल वैज्ञानिक, ज्योतिषी ही नहीं एकत्र होरहे थे अपितु भारत भर में स्कूल, कालिज, विभिन्न संस्थाएं व संस्थानों के बच्चों, कर्मचारियों एवं सामान्य पब्लिक के लिए भी स्थान-स्थान पर दूरबीन, सोलर-फ़िल्टर, वाइड स्क्रीन आदि लगाई गयीं थी | देखने के लिए लोगों का हुजूम उमडा पड़ रहा था |
             वे समाचार-पत्र पढने लगते हैं | प्रथम पृष्ठ पर बड़े-बड़े अक्षरों में आईपीएल व सचिन तेंदुलकर के छक्कों की चर्चा थी जिससे देश का नाम दुनिया में ऊंचा होता नज़र आ रहा था और सरकार उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत कर दिल्ली में एक बड़ा बंगला एलाट करने का प्लान बना रही थी उनकी सुरक्षा हेतु भी चिंतामग्न थी | दूसरी ओर पेट्रोल-पम्प पर लगी कतारें व सड़क पर ट्रेफिक-जाम व आकाश छूती हुई कीमतों पर अनशन करते लोगों के सचित्र समाचार भी थे| वे पृष्ठ पलटते हैं| मुख्य-मंत्री द्वारा वर्ष में तीसरी बार अपनी कुर्सी व सरकार  बचाने हेतु विधायकों से मंत्रणा के समाचार के साथ ही नोएडा में डकैती व चार वर्ष की बच्ची से रेप का ह्रदय-विदारक समाचार पढकर चिंतामग्न हो जाते हैं |
             वे टीवी चेनल बदलते हैं | एक नए सेटिलाईट की आकाश में स्थापना की जारही थी|  स्थापना सफल होते ही वैज्ञानिक, नेता, शासक सभी खुशी से उछल पड़े | अब आप टीवी और अधिक स्पष्ट देख सकते हैं, दुनिया भर के चेनल | अडवांस मोबाइल पर कम्प्युटर के सभी कार्य किये जा सकते हैं | आपका घर सारी दुनिया से जुड़ जायगा |
             वे फिर समाचार-पत्र देखने लगते हैं | राजधानी के ही समीपवर्ती सुदूर-क्षेत्रों में सूखे के कारण किसानों द्वारा आत्महत्या, एक जून की रोटी के जुगाड हेतु कम्मो द्वारा अपनी बच्ची को बेचा गया, के समाचार मन को उद्विग्न कर देते हैं|  टीवी चेनल पर ‘डांस-इंडिया-डांस’ प्रोग्राम् में बच्चे ‘इन्हीं लोगों ने ले लीना दुपट्टा मेरा’ पर डांस कर रहे हैं | ‘हंसी के फुहारे’ प्रोग्राम में निर्णायक बात-बेबात पर हँसती है| एक चेनल पर कुछ विचारक व मनीषी रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार व घोटालों पर अपने अपने विचार प्रस्तुत कर रहे होते हैं जिन्हें तेज-तर्रार संचालिका कभी पूरे नहीं होने देती है और किसी भी निर्णय पर पहुंचे बिना संचालिका के वक्तव्य के साथ शो समाप्त हो जाता है |
              वे समाचार-पत्र में किसी स्कूल में केजी में दाखिले हेतु २५ से ५० लाख तक डोनेशन माँगने का समाचार पढते हैं | अगले पृष्ठ पर ‘बातूनी ताऊ’ के हास्य-व्यंग्य कालम में देश की महान समस्याओं को सुलझाने के  हास्यास्पद उपाय सुझाए गए हैं|  अरबपति ‘किलगेट’.... ‘कमोड’ को और अधिक उन्नत व सुविधाजनक बनाने हेतु निवेश करना चाहते हैं | अगले पृष्ठ पर किसी वृद्धजन का इंटरव्यू छापा है जिन्हें दो वर्ष हुए सेवा-निवृत्त हुए अभी तक पेंशन नहीं बंधी है|  यह पढकर उन्हें ध्यान आता है कि उन्हें तो दफ्तर के बाबू  ने चार बार लौटाने के बाद आज बुलाया है पेंशन-पत्र के लिए ११ बजे और साढ़े-दश बज चुके हैं ||
          तभी श्यामलाल जी आजाते हैं, कहते हैं अरे, चलिए-चलिए शुक्र, सूर्य को पार  कर रहा है देखते हैं, सामने मैदान में दूरबीन लगाई हुई है, सोलर फ़िल्टर भी है | फिर यह सुन्दर दृश्य अगले जन्म में ही देखने को मिलेगा |
         रामप्रसाद जी अचानक कह उठते हैं, वह तो ठीक है पर क्या यह पारगमन देखकर, उन्नत-टीवी, मोबाइल, सचिन के छक्के या मुख्यमंत्री की सरकार बच जाने से, बच्चों के डांस करने से...देश में   रेप बंद होजाएंगे,  किसान आत्महत्या करना बंद कर देंगे, भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी और मेरी पेंशन शीघ्र ही मिलने लगेगी |

3 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

देश तो वैसा ही बना रहेगा..

Shilpa Mehta : शिल्पा मेहता ने कहा…

aabhaar

shyam gupta ने कहा…

धन्यवाद पांडे जी व शिल्पा जी ....