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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

शुक्रवार, 20 जुलाई 2012

ज्ञानामृत ...डा श्याम गुप्त ...

                                 ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...

   


जो ग्रंथों का वाचन करते ,
वे  अज्ञानी  से   मानी  हैं |
और ग्रन्थ पाठक से मानी,
नित्य अध्ययन करने वाला |


अध्यायी  से अधिक श्रेष्ठ है,
जो है ज्ञान-तत्वका ज्ञाता |
और ज्ञान को कृति में लाकर,
श्रेष्ठ  कर्म को करने वाला |




आत्म-ज्ञान ही सर्वश्रेष्ठ है,
सब विद्याधन देने वाला|
जो निज को पहचान गया है,
वह पाए अमृत मतवाला |


जो सब में निज को ही जाने,
सबमें अपने को पहचाने |
आत्मलीन वह निर्विकार है,
उसको मिले मुक्ति का प्याला |


भेदाभेद फलाफल से जो.
मुक्त उसे अमृत मिलता है |
कैसे प्राप्त उसे कर सकता,
असत कर्म का करने वाला ||



2 टिप्‍पणियां:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

आत्म-ज्ञान ही सर्वश्रेष्ठ है,
सब विद्याधन देने वाला|
जो निज को पहचान गया है,
वह पाए अमृत मतवाला |,,,,,भावपूर्ण पंक्तियाँ

बेहतरीन प्रस्तुति,,,,
RECENT POST ...: आई देश में आंधियाँ....

shyam gupta ने कहा…

धन्यवाद धीरेन्द्र जी व पांडे जी....