....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
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बोल्डर रेंज रिसोर्ट |
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दम्बूला फारेस्ट बोल्डर रेंज रिजोर्ट में रूम के बाहर आम के बाग़में निर्विकार व रीना |
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बोल्डर रेंज रिजोर्ट में आराम |
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दम्बूला गहन वन में रिजोर्ट |
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महावेली गंगा |
बोल्डर रेंज फरेस्ट रिजोर्ट में २६-१२-१२ को रात्रि विश्राम के पश्चात् प्रातः
२७-१२-१२ को हमारा कारवां अपनी
अंतिम मंजिल बेन्टोटा के लिए चल दिया | पोलोनारूवा के नज़दीक कुछ किलोमीटर दूर से
श्रीलंका की सबसे बड़ी नदी एवं द्वीप की लाइफ-लाइन महावेली गंगा गुजरती है जो केंडी के समीप हाटन पठार के पहाडी-वनों से निकलकर मुख्य सह-नदी अब्बन गंगा से मिलकर विशाल जल-भाग विक्टोरिया रिज़र्वोयर एवं रंदेविशाला रिज़र्वोयर बनाती हुई वासागामुवा नॅशनल पार्क व पोलोनारूवा के समीप से गुजरती हुई ३३५ कि मी चलकर त्रिंकोमाली के समीप कोदियार बे में बंगाल की खाडी - हिंदमहासागर में गिरती है| वास्तव में
यहाँ सभी बड़ी नदियों को गंगा कहा जता है यथा..कालू-गंगा, अब्बन गंगा, बेन्टोटा गंगा आदि.... रास्ते में
पिन्नावाला में हाथियों का विश्व-प्रसिद्द नर्सरी का भी भ्रमण किया गया|
पिन्नावाला एलीफेंट ओर्फनेज --- हाथियों की नर्सरी व रिज़र्व है जो
विश्व में सबसे बड़ा हाथियों का रिज़र्व है जिसे श्रीलंका के जंगलों में असहाय घूमते हुए जंगली हाथियों के पालन-पोषण के लिए स्थापित किया गया था| यह केंडी व कोलम्बो के मध्य स्थित है | यह अपने
मुख्य आकर्षण हाथियों के महा ओया नदी में नहाने और खेलने के दृश्यों के लिए टूरिस्ट्स में काफी प्रसिद्द है| यहाँ लगभग ८८ हाथी हैं---३७ नर व ५१ मादा हैं जो लगभग तीन पीढ़ियों से पिन्नावाला में हैं| नदी के रास्ते में बाज़ार में आप विभिन्न प्रकार के मेग्नेट-स्टीकर , चमड़े व वस्त्रों के सामान आदि खरीद अकते हैं|
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पिन्नावाला बाज़ार में निर्विकार व आराध्य |
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हाथियों का स्नान देखते हुए रीना जी, आराध्य व सुषमा जी |
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महा ओया नदी की राह पर |
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महाओया नदी में हाथियों का स्नान |
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रास्ते में खेतों का विहंगम दृश्य |
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रास्ते में कालू रिवर में हाथी नहाते हुए |
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धारगा गाँव में दरगाह |
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एक्सप्रेस वे |
पिन्नावाला से केगले, अविस्सावाला होते हुए होमागामा से बिलकुल
एडवांस योरोपीय देशों की भाँति बना हुआ शानदार 'साउथ एक्सप्रेस वे ' --जिसमें हर पग डंडी, गाँव, शहर के नज़दीक सड़क पार करने के लिए उपरिगामी पुल बना हुआ है ताकि किसी को भी हाइवे पर कभी न आना पड़े एवं तीब्र गामी वाहनों को बाधा न हो -- पर होते हुए अलुथगामा पर हाइवे से अलुथागामा रोड , व
मुस्लिम बहुल धारगा गाँव ( दरगाह गाँव -- यहाँ प्रसिद्द मुस्लिम दरगाह है ) होते हुए
२७-१२-१२ शाम को बेन्टोटा नदी के समुद्र में मिलने के स्थान -डेल्टा पर बसे बेन्टोटा नगर में हिन्द महासागर के तट स्थित
इन्दुर्वा र्बीच रिजोर्ट पहुंचे |
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इन्दुर्वा बीच रिजोर्ट |
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आराध्य बालकनी से समुद्र देखते हुए |
3 टिप्पणियां:
सर्वप्रथम आपका शुक्रिया .... आपके ब्लॉग को पढ़ती हूँ हमेशा , कभी ग़ज़ल,कभी जानकारी,कभी ठोस तथ्य - आभार
कालू नदी और सायं का सौन्दर्य..
धन्यवाद रश्मि जी एवं पांडे जी....
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