....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
२. नाजका रेखाए---पेरू ---शिव का त्रिशूल- Nazca Lines in. ३.वियतनाम में शिवलिंग
-----क्रमश भाग पांच----- योरोप ...
हिन्दू इतिहास
----एक लाख वर्षों का हिन्दू धर्म का संक्षिप्त इतिहास -----
भाग चार----वानर साम्राज्य , माया सभ्यता, दक्षिणी अमेरिका-चिली , पेरू, वियतनाम, इस्लामी देश --
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१.बानर सामराज्य--होंडूरास --द.अमेरिका२. नाजका रेखाए---पेरू ---शिव का त्रिशूल- Nazca Lines in. ३.वियतनाम में शिवलिंग
५.अफगा निस्तान से शिव मूर्ति |
६.ये हंसवाहिनी सरस्वती माँ की मूर्त्ति है जो अभी लंदन संग्रहालय में है.यह सऊदी अर्बस्थान से ही प्राप्त हुआ था |
७.अष्टधातु से बना दिया
ये दीप अरब से प्राप्त हुआ है जो इस्लाम-पूर्व है.इसी तरह का दीप काबा के अंदर भी अखण्ड दीप्तमान रहता है . |
८.मक्का स्थित शिवलिंग --- |
९. शिव लिंग का भाग –काला पत्थर जिसे चूमा जाता था |
---- १०.विक्रमादित्य के काल बने में काले
ग्रेनाईट के अंतरिक्ष गिरे टुकडे का शिव लिंग ७००० बी सी जो काबा
के शिव मंदिर का का मूल शिव लिंग था |
११.-----६००० वर्ष प्राचीन राम व हनुमान का
चित्र ----ईराक
८.वानर
साम्राज्य का रहस्य : वानर
का शाब्दिक अर्थ होता है 'वन में रहने वाला नर।' वन में ऐसे भी नर रहते थे जिनको पूछ निकली हुई थी।
------शोधकर्ता
कहते हैं कि आज से 9 लाख वर्ष पूर्व एक ऐसी विलक्षण वानर जाति भारतवर्ष में
विद्यमान थी, जो आज से 15 से 12
हजार वर्ष पूर्व लुप्त होने लगी थी और अंतत: लुप्त हो गई। इस जाति
का नाम कपि था। हनुमान का जन्म कपि नामक वानर जाति में हुआ था....कापी –विशालकाय
वानरों की प्रजाति ..
-----यह
मानवों की एक ऐसी जाति थी, जो मुख और पूंछ से वानर समान नजर आती
थी, लेकिन उस जाति की बुद्धिमत्ता और शक्ति मानवों से कहीं
ज्यादा थी। अब वह जाति भारत में तो दुर्भाग्यवश विनष्ट हो गई, परंतु बाली द्वीप में अब भी पुच्छधारी जंगली मनुष्यों का अस्तित्व
विद्यमान है जिनकी पूछ प्राय: 6 इंच के लगभग अवशिष्ट
रह गई है।
--भारत के बाहर वानर साम्राज्य --- सेंट्रल
अमेरिका के मोस्कुइटीए (Mosquitia) में शोधकर्ता चार्ल्स लिन्द्बेर्ग ने एक ऐसी जगह की खोज की
है जिसका नाम उन्होंने ला स्यूदाद ब्लैंका (La Ciudad Blanca) दिया है जिसका स्पेनिश में मतलब व्हाइट सिटी (The White
City) होता है, जहां के स्थानीय लोग बंदरों की
मूर्तियों की पूजा करते हैं। कि यह वही खो चुकी जगह
है जहां कभी हनुमान का साम्राज्य हुआ करता था।
------एक अमेरिकन एडवेंचरर ने लिम्बर्ग की खोज के आधार पर गुम हो चुके ‘Lost City Of Monkey God’ की तलाश की
------एक अमेरिकन एडवेंचरर ने लिम्बर्ग की खोज के आधार पर गुम हो चुके ‘Lost City Of Monkey God’ की तलाश की
चित्र१. बानर सामराज्य--होंडूरास --द.अमेरिका ..
----अमेरिका की प्राचीन माया सभ्यता ---ग्वाटेमाला, मैक्सिको, पेरू, होंडुरास तथा यूकाटन प्रायद्वीप में स्थापित थी। यह एक कृषि पर आधारित सभ्यता थी। 250 ईस्वी से 900 ईस्वी के बीच माया सभ्यता अपने चरम पर थी। इस सभ्यता में खगोल शास्त्र, गणित और कालचक्र को काफी महत्व दिया जाता था। मैक्सिको इस सभ्यता का गढ़ था। आज भी यहां इस सभ्यता के अनुयायी रहते हैं। यह मय दानव द्वारा बसाई हुई सभ्यता ही थी
-------अमेरिकन इतिहासकार मानते हैं कि भारतीय आर्यों ने ही अमेरिका महाद्वीप पर सबसे पहले बस्तियां बनाई थीं। अमेरिका के रेड इंडियन वहां के आदि निवासी माने जाते हैं और हिन्दू संस्कृति वहां पर आज से हजारों साल पहले पहुंच गई थी। माना जाता है कि यह बसाहट महाभारतकाल में हुई थी।
----अमेरिका की प्राचीन माया सभ्यता ---ग्वाटेमाला, मैक्सिको, पेरू, होंडुरास तथा यूकाटन प्रायद्वीप में स्थापित थी। यह एक कृषि पर आधारित सभ्यता थी। 250 ईस्वी से 900 ईस्वी के बीच माया सभ्यता अपने चरम पर थी। इस सभ्यता में खगोल शास्त्र, गणित और कालचक्र को काफी महत्व दिया जाता था। मैक्सिको इस सभ्यता का गढ़ था। आज भी यहां इस सभ्यता के अनुयायी रहते हैं। यह मय दानव द्वारा बसाई हुई सभ्यता ही थी
-------अमेरिकन इतिहासकार मानते हैं कि भारतीय आर्यों ने ही अमेरिका महाद्वीप पर सबसे पहले बस्तियां बनाई थीं। अमेरिका के रेड इंडियन वहां के आदि निवासी माने जाते हैं और हिन्दू संस्कृति वहां पर आज से हजारों साल पहले पहुंच गई थी। माना जाता है कि यह बसाहट महाभारतकाल में हुई थी।
९.चिली, पेरू और बोलीविया में हिन्दू धर्म : अमेरिकन महाद्वीप के बोलीविया (वर्तमान में पेरू
और चिली) में हिन्दुओं ने प्राचीनकाल में अपनी बस्तियां बनाईं और कृषि का भी विकास
किया। यहां के प्राचीन मंदिरों के द्वार पर विरोचन, सूर्य द्वार, चन्द्र द्वार, नाग आदि सब कुछ हिन्दू धर्म समान हैं।
दक्षिण अमेरिका
---Peru
----सुग्रीव, रामायण में अपनी सेना को
सीताजी की खोज के लिए उस क्षेत्र की खोज के लिए कहता है जहां शिव का त्रिशूल पाया
गया है |
१०.वियतनाम : पुराना
चम्पा
था। चम्पा के लोग और चाम कहलाते थे और उनके राजा शैव थे। दूसरी
शताब्दी में स्थापित चंपा भारतीय संस्कृति का प्रमुख केंद्र था। यहां के चम
लोगों ने भारतीय धर्म, भाषा,
सभ्यता ग्रहण की थी। 1825 में चंपा के महान हिन्दू राज्य का
अंत हुआ।
------वर्तमान समय में चाम लोग वियतनाम और कम्बोडिया के सबसे बड़े अल्पसंख्यक हैं। आरम्भ में चम्पा के लोग और राजा शैव थे लेकिन कुछ सौ साल पहले इस्लाम यहां फैलना शुरु हुआ। अब अधिक चाम लोग
------वर्तमान समय में चाम लोग वियतनाम और कम्बोडिया के सबसे बड़े अल्पसंख्यक हैं। आरम्भ में चम्पा के लोग और राजा शैव थे लेकिन कुछ सौ साल पहले इस्लाम यहां फैलना शुरु हुआ। अब अधिक चाम लोग
मुसलमान हैं पर हिन्दू और बौद्ध चाम भी हैं।
==चित्र ३.यतनाम में शिवलिंग
११.इस्लाम - हिन्दू
धर्म का विरूपण ---आज जिसे ‘काबा’ कहते है, वह वस्तुतः ‘काव्य शुक्र’ (शुक्राचार्य)
के सम्मान में निर्मित उनके आराध्य भगवान शिव का ही मन्दिर है। अरबी भाषा में ‘शुक्र’ का अर्थ ‘बड़ा’ अर्थात ‘जुम्मा’ इसी कारण
किया गया और इसी से ‘जुम्मा’ (शुक्रवार)
को मुसलमान पवित्र दिन मानते है।
---अरब शिव व पार्वती स्थान का इलावर्त राज्य का –स्त्री
राज्य था जो वृहस्पति पत्नी तारा व चन्द्र के पुत्र बुध पुत्र महाराज इल
का राज्य था , इल से इल इलाह --- अल्लाह
... |
चित्र-४ शासक की विष्णु पूजा चित्र ५. अफगानिस्तान से शिव मूर्ति
चित्र-६.------ये हंसवाहिनी सरस्वती माँ की मूर्त्ति है जो अभी लंदन संग्रहालय में है.यह सऊदी अर्बस्थान से ही प्राप्त हुआ था.. चित्र-७.अष्टधातु से बना दिया ये
दीप अरब से प्राप्त हुआ है जो इस्लाम-पूर्व है.इसी तरह का दीप काबा के अंदर भी अखण्ड दीप्तमान रहता है .
चित्र८.मक्का स्थित शिवलिंग --- चित्र ९. शिव लिंग का भाग –काला पत्थर जिसे चूमा जाता था
चित्र-१०.---- विक्रमादित्य के काल बने में काले
ग्रेनाईट के अंतरिक्ष गिरे टुकडे का शिव लिंग ७००० बी सी जो काबा
के शिव मंदिर का का मूल शिव लिंग था |
चित्र ११.-----६००० वर्ष प्राचीन राम व हनुमान का
चित्र ----ईराक
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